__कुंज की गजलें
औरत होने पर फख्र करो
होली और महिला दिवस पर मेरे ज़ज्बात
मैं एक तन्हा जज़ीरा पा लूं
चुभा कांटा
भरम पाला
मैं भी चाहता हूँ की हुस्न पे ग़ज़लें लिखूँ
गगन को चूमते ऊंचे मकान वालों सुनो
मेरे जेहन में कई बार ये ख्याल आया
डाल कर कुछ नीर की बूंदे अधर में
औरत होने पर फख्र करो
होली और महिला दिवस पर मेरे ज़ज्बात
मैं एक तन्हा जज़ीरा पा लूं
चुभा कांटा
भरम पाला
मैं भी चाहता हूँ की हुस्न पे ग़ज़लें लिखूँ
गगन को चूमते ऊंचे मकान वालों सुनो
मेरे जेहन में कई बार ये ख्याल आया
डाल कर कुछ नीर की बूंदे अधर में
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नारायण राव
[email protected]
यदि आप अपनी रचनाएँ नारायण कुंज पेज पर प्रकाशन चाहते है. तो मेल करे, तथा प्रकाशन अनुमती एवं मौलिक प्रमाण अवश्य भेजे.
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